White पल्लव की डायरी
सुख दुख की दो पटरियों पर
दौड़ता ये जीवन
जर्नी बचपन जबानी बुढ़ापा है
मिलते बिछुड़ते यार दोस्त
सब स्टेशनों पर उतर जाते है
पाप पुण्य के डिब्बे
स्लीपर,ऐसी की तरह है
जीवन इंजन की तरह दौड़ता है
मंजिल पर सबको स्थापित करके
अगले गन्तव्य के लिये
चौला शरीर बदलता है
प्रवीण जैन पल्लव
©Praveen Jain "पल्लव"
#Sad_Status जीवन इंजन की तरह दौड़ता है
#nojotohindi