सम्पूर्ण विश्व भारत की सांस्कृतिक आध्यात्मिक आभा, दिव्य जीवन मूल्यों, योग, आयुर्वेद, सूचना संचार की अप्रतिम तकनीक और आर्थिक प्रगति से चकित है।
भारत की सुदृढ़ लोकतान्त्रिक व्यवस्था और प्राच्य-आर्ष विद्या अर्थात् अध्यात्म सम्पदा की स्वीकार्यता व अनुसरण का भाव नित्य गतिमान है।
परोक्ष अपरोक्ष रूप से भारत अब सम्पूर्ण विश्व को दिशा व दृष्टि प्रदान करने के लिए सक्षम है।
"स्वतंत्रता दिवस" की अनेक शुभकामनाएँ
©मनोज कुमार झा "मनु"
जय भारत