मंजिल की राह चलकर भी गुमराह हो गये। चंद सिक्कें पाकर ईमान से गाफ़िल हो गये।। वक्त के साये नसीब ने दूरियाँ क्या बढ़ायी । 'गनी' यकीं की बात पर अपने भी ग़ैर हो गये।। ©GANI KHAN विचार Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto