White दहलीज पर खड़ी निःशब्द वो खुद हैं शक के घेरे | हिंदी कविता Video

"White दहलीज पर खड़ी निःशब्द वो खुद हैं शक के घेरे में, भूखी आंतरिया थर थर कांपते कैसे जाये अंधेरे में। हैं पाला था मैंने ही उसको फिर कैसे मुझसे चूक हुई, दम घोट भरोसे का अस्मिता की लूट हुई। ********************** ©Yogita Rani singh "

White दहलीज पर खड़ी निःशब्द वो खुद हैं शक के घेरे में, भूखी आंतरिया थर थर कांपते कैसे जाये अंधेरे में। हैं पाला था मैंने ही उसको फिर कैसे मुझसे चूक हुई, दम घोट भरोसे का अस्मिता की लूट हुई। ********************** ©Yogita Rani singh

#rainy_season
#maa
#rape_a_shame

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