खुद को इतना भी मत बचाया कर,
बारिशें हो तो भीग जाया कर ।
चाँद लाकर कोई नहीं देगा,
अपने चेहरे से जगमगाया कर ।
दर्द हीरा है, दर्द मोती है,
दर्द आँखों से मत बहाया कर ।
काम ले कुछ हसीन होंठो से,
बातों-बातों मे मुस्कुराया कर ।
धूप मायूस लौट जाती है,
छत पे किसी बहाने आया कर ।
कौन कहता है दिल मिलाने को,
कम-से-कम हाथ तो मिलाया कर ।
©Priya Rajpurohit
#UskeSaath