चुनाव 2024 चुनाव जारी है, जुए के विज्ञापन भी जेब | हिंदी कविता

"चुनाव 2024 चुनाव जारी है, जुए के विज्ञापन भी जेब पर भारी है ! ये जीते या वो जीते, जुआ लत से दुर्गति रहनी जारी है !! नशे के कारोबार में भी नेताओं की मिलीभगत है ! लड़कियां गुम हो ही रही है, ये शर्मनाक हक़ीक़त है !! रोज़गार का रोडमैप चर्चा में ही नहीं लाया जा रहा ! युवाओं को अपराध ही रोज़गार मुहैया कराया जा रहा !! महिलाओं को दो तीन हजार बाँटने की घोषणाएं है ! अपार कर्ज़ में डूबी सरकारों के लिये ये निंदनीय है !! किसान को एमएसपी के कानून पर सबकी चुप्पी है ! सही दाम मिले उपज का तो कर्ज़ ज़रूरत ही नहीं है !! किसान अन्नदाता है हमपे उपकार कर पोषण करता है ! अफ़सोस नेता बिचौलियों से मिल उसका शोषण करता है !! मिलावटी खाद्यान्नों की भरमार है बाजारों में ! गंभीर बीमारियां बढ़ रही जमापूंजी स्वाहा अस्पतालों में !! स्कूल बंद किये जा रहे, शराब की दुकाने खोली जा रही ! देश के दर्दनाक हालतों से आज़ादी आहत होती जा रही !! नेताओं से अनुरोध है इन मुद्दों का ले भाषणों में संज्ञान ! अन्यथा स्पष्ट है, आप में जन की फ़िक्र ही नहीं विधमान !! - आवेश हिंदुस्तानी 8.11.2024 ©Ashok Mangal"

 चुनाव 2024

चुनाव जारी है, जुए के विज्ञापन भी जेब पर भारी है !
ये जीते या वो जीते, जुआ लत से दुर्गति रहनी जारी है !!

नशे के कारोबार में भी नेताओं की मिलीभगत है !
लड़कियां गुम हो ही रही है, ये शर्मनाक हक़ीक़त है !!

रोज़गार का रोडमैप चर्चा में ही नहीं लाया जा रहा !
युवाओं को अपराध ही रोज़गार मुहैया कराया जा रहा !!

महिलाओं को दो तीन हजार बाँटने की घोषणाएं है !
अपार कर्ज़ में डूबी सरकारों के लिये ये निंदनीय है !!

किसान को एमएसपी के कानून पर सबकी चुप्पी है !
सही दाम मिले उपज का तो कर्ज़ ज़रूरत ही नहीं है !!

किसान अन्नदाता है हमपे उपकार कर पोषण करता है !
अफ़सोस नेता बिचौलियों से मिल उसका शोषण करता है !!

मिलावटी खाद्यान्नों की भरमार है बाजारों में !
गंभीर बीमारियां बढ़ रही जमापूंजी स्वाहा अस्पतालों में !!

स्कूल बंद किये जा रहे, शराब की दुकाने खोली जा रही !
देश के दर्दनाक हालतों से आज़ादी आहत होती जा रही !!

नेताओं से अनुरोध है इन मुद्दों का ले भाषणों में संज्ञान !
अन्यथा स्पष्ट है, आप में जन की फ़िक्र ही नहीं विधमान !!

- आवेश हिंदुस्तानी 8.11.2024

©Ashok Mangal

चुनाव 2024 चुनाव जारी है, जुए के विज्ञापन भी जेब पर भारी है ! ये जीते या वो जीते, जुआ लत से दुर्गति रहनी जारी है !! नशे के कारोबार में भी नेताओं की मिलीभगत है ! लड़कियां गुम हो ही रही है, ये शर्मनाक हक़ीक़त है !! रोज़गार का रोडमैप चर्चा में ही नहीं लाया जा रहा ! युवाओं को अपराध ही रोज़गार मुहैया कराया जा रहा !! महिलाओं को दो तीन हजार बाँटने की घोषणाएं है ! अपार कर्ज़ में डूबी सरकारों के लिये ये निंदनीय है !! किसान को एमएसपी के कानून पर सबकी चुप्पी है ! सही दाम मिले उपज का तो कर्ज़ ज़रूरत ही नहीं है !! किसान अन्नदाता है हमपे उपकार कर पोषण करता है ! अफ़सोस नेता बिचौलियों से मिल उसका शोषण करता है !! मिलावटी खाद्यान्नों की भरमार है बाजारों में ! गंभीर बीमारियां बढ़ रही जमापूंजी स्वाहा अस्पतालों में !! स्कूल बंद किये जा रहे, शराब की दुकाने खोली जा रही ! देश के दर्दनाक हालतों से आज़ादी आहत होती जा रही !! नेताओं से अनुरोध है इन मुद्दों का ले भाषणों में संज्ञान ! अन्यथा स्पष्ट है, आप में जन की फ़िक्र ही नहीं विधमान !! - आवेश हिंदुस्तानी 8.11.2024 ©Ashok Mangal

#AaveshVaani #JanMannKiBaat

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