Unsplash " बेचैन रूह को तलाश सुकून की
आदतों को जरूरत जुनून की
दर ब दर भटकती तृष्णा
आसरा ढूंढे दिमागी फितूर की
बातें अभिमानी और गुरूर की
कर दे फासला अति दूर ही
वक्त की गर्मी जब खूब थी
दिखावे की गलियां महबूब सी
बेचैन रूह को तलाश सुकून की
आदतों को जरूरत जूनून की!"
©kanchan Yadav
#snow