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"मकान में रहता न कैद होकर के परमेश्वर ढूंढता है गर कोई पाता है दिल के भीतर इंसान का बदन है मन्दिर मस्जिदचर्च बेखुद न जाने क्यों हम भटकतें हैं दर दर ©Sunil Kumar Maurya Bekhud"
मकान में रहता न कैद होकर के परमेश्वर ढूंढता है गर कोई पाता है दिल के भीतर इंसान का बदन है मन्दिर मस्जिदचर्च बेखुद न जाने क्यों हम भटकतें हैं दर दर ©Sunil Kumar Maurya Bekhud
#beautifulhouse
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