मसअले ये हैं की कोई मसला नहीं है
हमें अब किसी पर भरोसा नहीं है
जरूरतें हैं जोड़े रखती है एक दूसरे को
वगरना कोई किसी का होता नहीं है
©Shiv Anand
#Parchhai #Life #poem #Poetry
मसअले ये हैं की कोई मसला नहीं है
हमें अब किसी पर भरोसा नहीं है
हां सच है कि पहले जैसा नहीं दिखता
हाल ए शहर कुछ अच्छा नहीं है