पल्लव की डायरी चिंतवन और मनन की धारा विस्फोटक है | हिंदी कविता

"पल्लव की डायरी चिंतवन और मनन की धारा विस्फोटक है नैतिकबल कमजोर हो रहा है जब से सुख सुविधाओं ने आवरण विकास का पहना खोखला समाज परिवार हो रहा है लोभ लालच हक खा गया अपनो का तूफान घरो को उजाड़ रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव""

 पल्लव की डायरी
चिंतवन और मनन की धारा
विस्फोटक है 
नैतिकबल कमजोर हो रहा है
जब से सुख सुविधाओं ने आवरण
 विकास का पहना
खोखला समाज परिवार हो रहा है
लोभ लालच हक खा गया अपनो का
तूफान घरो को उजाड़ रहा है
                                  प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

पल्लव की डायरी चिंतवन और मनन की धारा विस्फोटक है नैतिकबल कमजोर हो रहा है जब से सुख सुविधाओं ने आवरण विकास का पहना खोखला समाज परिवार हो रहा है लोभ लालच हक खा गया अपनो का तूफान घरो को उजाड़ रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#AloneInCity तूफान घरो को उजाड़ रहा है

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