सफ़र का एक अपना ही मज़ा है। हर नए रास्तों के साथ प | English Shayari

"सफ़र का एक अपना ही मज़ा है। हर नए रास्तों के साथ पीछे कुछ छूट जाता है। उम्मीदों के शहर में अकसर दिल टूट जाता है। चाहो जिसे जान भी जायदा यारों। अकसर वो इंसान ही आपसे रूठ जाता है। ©Ak"

 सफ़र का एक अपना ही मज़ा है।
हर नए रास्तों के साथ पीछे कुछ छूट जाता है।
उम्मीदों के शहर में अकसर दिल टूट जाता है।
चाहो जिसे जान भी जायदा यारों।
अकसर वो इंसान ही आपसे रूठ जाता है।

©Ak

सफ़र का एक अपना ही मज़ा है। हर नए रास्तों के साथ पीछे कुछ छूट जाता है। उम्मीदों के शहर में अकसर दिल टूट जाता है। चाहो जिसे जान भी जायदा यारों। अकसर वो इंसान ही आपसे रूठ जाता है। ©Ak

#Train

People who shared love close

More like this

Trending Topic