Unsplash दिल तिरे कूचे को जाए
शहर सारा जब सो जाए
क्या ये मुमकिन है मिरे रब
चाँद धरती का हो जाए
मैं सदा तेरा रहूँगा
जिसको जाना है वो जाए
इक ज़रा तेरी इनायत
दिल के ज़ख्मों को धो जाए
तू मिरे जानिब है जब तक
जंग होनी है हो जाए
मैं मिरा दुख जो सुनाऊँ
तू तिरा रोना रो जाए
तू अगर दुश्मन है मेरा
हार होनी है हो जाए
©Deep Aviral
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