मै अंदर ही अंदर कुछ सोच रही हूँ दूर नही ख़ुद मे ही | English Poetry

"मै अंदर ही अंदर कुछ सोच रही हूँ दूर नही ख़ुद मे ही कही खो रही हूँ इस उलझन की वज़ह तुम हो या मै बस वही सिरा खोज़ रही हूँ मैं अंदर ही अंदर कुछ सोच रही हूँ। ©reshma kaur"

 मै अंदर ही अंदर कुछ सोच रही हूँ
दूर नही ख़ुद मे ही कही खो रही हूँ
इस उलझन की वज़ह तुम हो या मै
बस वही सिरा खोज़  रही हूँ

मैं अंदर ही अंदर कुछ सोच रही हूँ।

©reshma kaur

मै अंदर ही अंदर कुछ सोच रही हूँ दूर नही ख़ुद मे ही कही खो रही हूँ इस उलझन की वज़ह तुम हो या मै बस वही सिरा खोज़ रही हूँ मैं अंदर ही अंदर कुछ सोच रही हूँ। ©reshma kaur

#Light

People who shared love close

More like this

Trending Topic