रात रौशन हैआज़ "
"रात रौशन है आज़" एक
मुद्दत के बाद, फिर से लौटी है बहारें।
जगमगा उठी है चांदनी
दुल्हन सी, तेरी खुशी में लौट आने की।
ये दिल तेरा एहसानमंद है ,
खुशियां लुटा दीं, तूने मुझपे ज़माने की।
अब हर बात से कर लूंगा
तौबा, नहीं है ज़रूरत, किसी बहाने की।
©Anuj Ray
# राज रौशन है आज़ "