White नदी ...
तू धीरे-धीरे बहना
आगे रास्ता
बहुत कंटकिला है
दिशाएं भी ...
भरम से भरी हुई है
बाजार ...
बनाने में माहिर लोगों ने
रास्ता ...
मिट्टी से पाट रखा है
तेरी कल कल
सुनने का वक्त
किसी के पास नहीं
यहां सभी लगे हैं
समंदर ...
बनने की दौड़ में
अपनी बच बचा ले
इसी में तेरी सलामती है
तू पहुंची नहीं की
लुटेरे ....
टेंडर लगा तेरा इंतजार
कर रहे हैं
तुझे बांध लेने की गरज में
क्या मजा ....
दूसरों की खुशामद में
नाले सा बन जाना
बस ....
अपनी धुन में मगन
अपनी शान खुद ही बन
ए प्यारी नदी ....
तू धीरे-धीरे बहना
©Bhupesh Pachori
#Sad_Status