White क्या हूँ यह भूल चुकी हूँ, शायद जीवन के इस | हिंदी विचार

"White क्या हूँ यह भूल चुकी हूँ, शायद जीवन के इस दौड़ मे अब ख़ुद से दूर जा चुकी हूँ, अब मन उजाले की रोशनी से कतराता हैं, अब बस पूरा दिन वह एक बंद अंधियारे कमरे मे बिताता हैं, और समय के बेवक़्त मार से अब.... मनचाहा सा जीत मिलने से घबराता हैं। ©Nishu Maurya.....(Arjnii)"

 White  क्या हूँ यह भूल चुकी हूँ, 
शायद जीवन के इस दौड़ मे अब ख़ुद से दूर जा चुकी हूँ, 
अब मन उजाले की रोशनी से कतराता हैं, 
अब बस पूरा दिन वह एक बंद अंधियारे कमरे मे बिताता हैं, 
और समय के बेवक़्त मार से अब.... 
मनचाहा सा जीत मिलने से घबराता हैं।

©Nishu Maurya.....(Arjnii)

White क्या हूँ यह भूल चुकी हूँ, शायद जीवन के इस दौड़ मे अब ख़ुद से दूर जा चुकी हूँ, अब मन उजाले की रोशनी से कतराता हैं, अब बस पूरा दिन वह एक बंद अंधियारे कमरे मे बिताता हैं, और समय के बेवक़्त मार से अब.... मनचाहा सा जीत मिलने से घबराता हैं। ©Nishu Maurya.....(Arjnii)

#kaidEkAwaz

People who shared love close

More like this

Trending Topic