पल्लव की डायरी
धरा रह गया लोकतंत्र
अपहरण वोटो का होता है
गोरा से ज्यादा जुर्म इन सरकारो से होता है
गांधी जी के सकल्पो पर तंज हमेशा कसता है
राष्ट्रवाद से पार्टी और नेताओं ने हित साध लिये
जंगल राज बनाकर लूट देश की करता है
एक भारत मे कितने धर्म जाति सिमटे थे
सबको सियासत ने दोयमदर्जे का बना रखा है
चिंता भय सबके चेहरों पर पसरा है
जो आहट गुलामी की देता है
प्रवीण जैन पल्लव
©Praveen Jain "पल्लव"
#gandhijayanti जो आहट गुलामी की देता है
#nojotohindi