काली रात और यादें तेरी,
मेरे सिराहने पे वो एक तसवीर तेरी,
एक डायरी, कुछ सूखे गुलाब पन्नों पे,
डेरी मिल्क चोकलेट का एक रैपर पुराना।।
जाने कितने बरस बीत गए, कितनी राते, ना तुम्हारी यादें ही जाती है,
और ना तुम्हारी तस्वीर ही बात करती है मुझसे,
ना इस गुलाब की खुशबू ही कम हुवी है,
और ना ये डेरी मिल्क का रैपर ही मैं फेक पाया हूँ।।
तुम आओगी जब कभी यकीन है मुझे,
मैं जानता हूँ तुम्हे, तुम्हारी आदतों को,
मन भर जाता है तुम्हारा हर चीज़ से ना,
बस इसीलिए मैंने सम्भाल के रखी है सभी यादें, सभी पल,
अब इंतज़ार है तो बस तुम्हारा,
इंतज़ार है तो अब बस उस पल का मुझे।।