मृत्यु
एक शाश्वत सत्य,
जिसे न नकारा जा सका कभी,
न नकार सकते कभी,
तय तो कुछ भी नहीं,
न उम्र, न जगह, न हालात ...
अपेक्षायें फिर भी इस मानव शरीर से,
आए हैं जब इस लौकिक संसार में,
पूरे करे अपने हिस्से की
जिम्मेदारियां, सब नहीं, तो आधी,
फिर आए, तो आए ये,
एक उम्र के बाद।
©Ruchi Jha
#Death