White
आज फिर एक बार मैने खुदको अकेला पाया
कोई साथ है या नही ये अबतक समझ न आया
दूर हो गया बो सब जो भी कभी मेरे मन को भाया
सुकून की बारिश चाही थी जिंदगी के बादलों से
पर बो कमबख्त बादल दुखो की बौछार ले आया
भीग गई पलके मेरी और आंसू आंखो से छलक के आया
क्युकी आज फिर एक बार मैने खुदको अकेला पाया
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🙂