White लफ़्ज़ कम हों, पर एहसास गहरा देना,
मुलाकात को यादों का चेहरा देना।
उसकी हंसी में जन्नत का नूर दिखे,
उसे देखकर, हर ग़म को किनारा देना।
©नवनीत ठाकुर
#लफ़्ज़ कम हों, पर एहसास गहरा देना,
मुलाकात को यादों का चेहरा देना।
उसकी हंसी में जन्नत का नूर दिखे,
उसे देखकर, हर ग़म को किनारा देना।