जय जय जय माता दुर्गा रानी,
तू ही अंबे मां तू ही भवानी,
तू ही महाशक्ति वाली मैया,
उबारो मां, मेरी डूबती नैया,
तू ही है मां सुखों की दाता,
तू ही है मां मेरी भाग्य विधाता,
जय जय जय दुर्गा माता,
तुम्हारी वंदना दुखों को हटाता।
कोई भी पड़े जब संकट में,
तुम्हें बुलाए अपने मन में,
देर नहीं तुम एक पल करती,
सभी संकटों को हर लेती क्षण में।
दुष्टों का तुम संहांर करती,
अच्छों का तुम जीवन सवारती,
सभी देवता तुमको पूजते,
तुम्हारे नाम का माला जपते।
तुम ही हो छांव में तुम ही हो धूप में,
हर युग में दर्शन देती हो कई रूप में।
तू ही है काली मां, तू ही महाशक्ति,
मेरे जीवन में हो सदा आपके प्रति सेवा भक्ति।
नहीं ज्ञान है माता मुझको,
किस विधि से पूजन करूं तुमको।
जो भूल चुक हो क्षमा करना,
मेरी पूजा स्वीकार करना।।
©Riti sonkar
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