एक रंग देखा सौ रंग देखे
पर किसी रंग में वो बात नही।
जब से चढ़ा मुझपर रंग है तेरा
दूजा रंग कोई याद नही।
जिस कैनवास पर तुम ना उकरो
उसे निहारूं न फूटी आंख से भी।
जीवन का हर क्षण है नाम तुम्हारे
तुम्ही जग सन्यास तुम्ही।
रोम रोम में तुम ही तुम
रक्त तुम्ही और श्वास तुम्ही।
ओझल क्यूं हो तुम इतने दिनो से
क्या इतनी सी भी मेरी याद नहीं?
भेज रही हूं पाती में दिल
रखना इसको सिरहाने पास में ही।
©chambaliyaa
#Holi letter for a loved one who is far away. come my home to home to meet your home. #Love #Shayari