थोड़ा दूर हो तुम, थोड़ा दूर हैं हम, किस्मत के हाथ | हिंदी Shayari

"थोड़ा दूर हो तुम, थोड़ा दूर हैं हम, किस्मत के हाथों कितना मजबूर हैं हम.. पास आ कर बैठो और ये दूरी मिटा दो, लगाओ गले से मुझे और मुझसे मिला दो.. ये ख्वाब है या हक़ीक़त बस इतना बता दो, तुम आओ सिरहाने मेरे और नींद से जगा दो.. तुम्हारे साथ ही सबसे ज्यादा महफूज़ हैं हम, पर क्या करे, थोड़ा दूर हो तुम थोड़ा दूर हैं हम.. _सुधांशु_ ©Sudhanshu Bahrod"

 थोड़ा दूर हो तुम, थोड़ा दूर हैं हम,
 किस्मत के हाथों कितना मजबूर हैं हम..
 पास आ कर बैठो और ये दूरी मिटा दो, 
 लगाओ गले से मुझे और मुझसे मिला दो..
 ये ख्वाब है या हक़ीक़त बस इतना बता दो, 
 तुम आओ सिरहाने मेरे और नींद से जगा दो..
 तुम्हारे साथ ही सबसे ज्यादा महफूज़ हैं हम, 
 पर क्या करे, थोड़ा दूर हो तुम थोड़ा दूर हैं हम..







_सुधांशु_

©Sudhanshu Bahrod

थोड़ा दूर हो तुम, थोड़ा दूर हैं हम, किस्मत के हाथों कितना मजबूर हैं हम.. पास आ कर बैठो और ये दूरी मिटा दो, लगाओ गले से मुझे और मुझसे मिला दो.. ये ख्वाब है या हक़ीक़त बस इतना बता दो, तुम आओ सिरहाने मेरे और नींद से जगा दो.. तुम्हारे साथ ही सबसे ज्यादा महफूज़ हैं हम, पर क्या करे, थोड़ा दूर हो तुम थोड़ा दूर हैं हम.. _सुधांशु_ ©Sudhanshu Bahrod

#SunSet

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