अजनबी थे एक वक़्त पर हम दोनों,
अब,मेरी ज़िंदगी का हिस्सा हो तुम,
दोस्ती जब से हुई है मेरी तुमसे,
उस पल से सबसे हसीं किस्सा हो तुम,
यूँ तो पहले भी कई दोस्त थे मेरे,
पर उन सबसे जुदा हो तुम,
लगता है ऐसा कि कूबूल हुई कोई दुआ हो तुम,
मेरी ज़िंदगी का सबसे हसीं किस्सा हो तुम...
अब से हर राह पर मेरी मेहरमां हो तुम,
जो कभी ना भूलूंगा वो दास्तां हो तुम,
हमारी दोस्ती का हसीं किस्सा हो तुम,
मेरी ज़िंदगी का अब हिस्सा हो तुम,
या यूं कहें कि मेरा सब कुछ हो तुम !!
सुधांशु बहरोड़
©Sudhanshu Bahrod
#saath