इधर उड़ी उधर उड़ी, देख रही मैं खड़ी खड़ी। कई रंग म | हिंदी कविता Video

"इधर उड़ी उधर उड़ी, देख रही मैं खड़ी खड़ी। कई रंग में सजी हुई है, जैसें कोई फूलझड़ी।। फुर फुर कर उड़ती मन मानी। नहीं खा रही दाना पानी।। नहीं ए तोता मैना है, नहीं है ए चिड़िया रानी। है बचपन की एक कहानी, यह मेरी तितली रानी।। umakant Tiwari prachanda,"

इधर उड़ी उधर उड़ी, देख रही मैं खड़ी खड़ी। कई रंग में सजी हुई है, जैसें कोई फूलझड़ी।। फुर फुर कर उड़ती मन मानी। नहीं खा रही दाना पानी।। नहीं ए तोता मैना है, नहीं है ए चिड़िया रानी। है बचपन की एक कहानी, यह मेरी तितली रानी।। umakant Tiwari prachanda,

बचपन ।

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