Unsplash चल चलते हैं दूर कहीं,
ज़माने से परे...
पहाड़ों की उन ऊँचाइयों पर,
जहां बस तुम हो और मैं।
न कोई शोर, न कोई भीड़,
सिर्फ़ हवाओं का संगीत।
जहां सूरज की किरणें,
हमारी बातें सुनें।
और चाँदनी रातें,
हमारे ख्वाब बुनें।
चल चलते हैं, उस जहां में,
जहां हर पल हो सिर्फ हमारा।
जहां सांसों में बसे,
सिर्फ प्यार का किनारा।
©kavi Abhishek Pathak
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