सजन सुगंधित महक रहे हो।।
एहसासों में बहक रहे हो।
लीन से हम तुम्हें चूमा करते,
विहग से चित्त में चहक रहे हो।
तेरे मिलन से दूर कहाँ हम,
मूझमें ही खिल दहक रहे हो।
सजन सुगंधित महक रहे हो।।
रोम रोम में सिहरन बनकर,
नस नस में आकर्षण बनकर।
सजन प्राण बन धड़क रहे हो,
तभी तो इतना तड़प रहे हो।
सजन सुगंधित महक रहे हो।।
©Pragya Amrit
#JodhaAkbar सजन सुगंधित महक रहे हो...........