White ये रौनकें :- रोने के कारण बनती जा रही हैं
ये उजाले,,,,,,,, ये रोशनी
मुझमें अंधकार भरते जा रहे हैं
ये जगमगाहटें ,,,,,,,,,जग की मार काटें
खा गई मेरे तन मन के अंदर की सब आहटें
ये चकाचौंध
लाए जा रही है मुझमें केवल और केवल मौन
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""",,,,,,,हमको किसके ग़म ने मारा ये कहानी फिर कभी,,,,,"""
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कोई नहीं जूठे जग में अपना शामिल हैं मेरे कत्ल में सभी,,..
©Rakesh frnds4ever
#ये_रौनकें :- #रोने के कारण बनती जा रही हैं
ये #उजाले ,,,,,,,, ये रोशनी
मुझमें #अंधकार भरते जा रहे हैं
ये जगमगाहटें ,,,,,,,,,जग की मार काटें
खा गई मेरे तन मन के अंदर की सब आहटें