मनोज की कलम से
इश्क़ की ख़ामोशियां समझेगा कैसे
हुश्न....... बातूनी है
इश्क़ की बारीकियां समझेगा कैसे
हुश्न...... ☺कानूनी है
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फ़िकर की आग में जलते ज़िगर को
बात तफ़सील से समझानी है
इश्क़ की ख़ामोशियां समझेगा कैसे
हुश्न........😊 बातूनी है
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निरे जज्बात का आचार डालो
नहीं पाकिेट में दाना पानी है
इश्क़ की ख़ामोशियां समझेगा कैसे
हुश्न......😊 बातूनी है
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नया ये दौर है चलना संभलकर
कहीं रह जाओ न केवल उलझकर
सलाह ये तुमको खानदानी है
इश्क़ की ख़ामोशियां समझेगा कैसे
हुश्न...... 😊बातूनी है
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#हुश्न
#BoneFire