यह कैसा सफर था ? मैं लाश बन गई थी और जला दिया था मुझे मेरे अपनों ने मैं जलकर भी राख बन गई मगर , महादेव ने उस राख को स्पर्श किया और मैं फिर से जी के उठी! ©katha(कथा) Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto