"मैं वीरान एवं आत्मविलीन होना चाहता हूं।
एक अलग जहां में भ्रमण करना चाहता हूं,
जहां पक्षियों की चहचहाहट हो,
नदियों का मधुर संगीत हो,
वृक्षों की छाया हो
और मैं तन्हा।
जहां विचरण करने पर ये अहसास हो,
मेरी आत्मा परमात्मा में विलीन हो गई है...
😔
©जीtendra
"