आईने में शक्ल बहुत देखी अपनी,
अब तेरी आंखों में देखने का वक्त आ चला है।
सर्द रातें गुजारी बहुत अकेली
अब तेरे एहसास का वक्त आ चला है।
अकेले बहुत रह चुके हम
अब तेरे साथ को पाने का वक्त आ चला है।
ख्वाब देखकर थक चुकी आंखें,
तेरे दीदार का वक्त आ चला है।
सूखते होंठ खामोश अल्फाजों से जो जाहिर किया हमने,
उसे सच में बदलने का वक्त आ चला है।
तेरे मेरे मिलन का वक्त आ चला है❤️
©Vishal kumar
#beinghuman