"सुमित" उसके जहन में छाया रहा ,
अपनी इश्क को खोने वाला वो शख्स
तन्हा तारो की छाव में असमान की बाहों में ,
सनम की निगाहों में सहेजी हुई स्मृति में यूंही
एकाकी तकता रहा ,,
अपनी सजोई स्मृति को
उस साय से बाट ता रहा
यूंही तन्हा उम्र कटता रहा ,
रात भर इक चांद का साया रहा
सुमित" उसके जहन में छाया रहा ।।
©Sumit shukla Ss
रात भर इक चांद का साया रहा
सुमित" उसके जहन में छाया रहा ।।