भावनानाएँ मन का खज़ाना होती हैं , इसलिए हम शब्द सोच | हिंदी कविता

"भावनानाएँ मन का खज़ाना होती हैं , इसलिए हम शब्द सोच कर खर्च करते हैं। लुट न जाये कहीं भावनाओं में ही बहकर, इसलिये हम ज़रा शब्दों में कंजूसी करते हैं। ©Richa Dhar"

 भावनानाएँ मन का खज़ाना होती हैं ,
इसलिए हम शब्द सोच कर खर्च करते हैं।
लुट न जाये कहीं भावनाओं में ही बहकर,
इसलिये हम ज़रा शब्दों में कंजूसी करते हैं।

©Richa Dhar

भावनानाएँ मन का खज़ाना होती हैं , इसलिए हम शब्द सोच कर खर्च करते हैं। लुट न जाये कहीं भावनाओं में ही बहकर, इसलिये हम ज़रा शब्दों में कंजूसी करते हैं। ©Richa Dhar

मन का खज़ाना✍️✍️✍️

#khoobsurat

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