a-person-standing-on-a-beach-at-sunset शीर्षक – मौ | English कवि

"a-person-standing-on-a-beach-at-sunset शीर्षक – मौसम ************ कुदरत के मौसम होते हैं। जिंदगी हमारी कहते हैं। सच न फरेब मौसम रखते हैं। रंगमंच के साथ हमें सिखाते हैं। हम मानव न जाने क्या समझते हैं। मौसम तो बस अपनी आदत कहते हैं। न अकड़ न रौब मौसम कभी दिखाते हैं। मौसम तो सदा समानता ही रखते हैं। समय और कुदरत ही मौसम कहते हैं। ***************** नीरज कुमार अग्रवाल चंदौसी उ.प्र ©Neeraj kumar Agarwal "

a-person-standing-on-a-beach-at-sunset शीर्षक – मौसम ************ कुदरत के मौसम होते हैं। जिंदगी हमारी कहते हैं। सच न फरेब मौसम रखते हैं। रंगमंच के साथ हमें सिखाते हैं। हम मानव न जाने क्या समझते हैं। मौसम तो बस अपनी आदत कहते हैं। न अकड़ न रौब मौसम कभी दिखाते हैं। मौसम तो सदा समानता ही रखते हैं। समय और कुदरत ही मौसम कहते हैं। ***************** नीरज कुमार अग्रवाल चंदौसी उ.प्र ©Neeraj kumar Agarwal

#SunSet
#neeraj_poetry

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