White खो गए हम भीड़ में खुद से अनजाने हुए | हिंदी शायरी

"White खो गए हम भीड़ में खुद से अनजाने हुए अब भला क्या बहार क्या मौसम मिले ना मिले बेबस जिम्मेदारियों से जिंदगी दो चार हुई है रात लम्बी है रह गुजर की यूं सहर मिले ना मिले खबर रख लो अपनो की खैर ख्वाह बन कर ना जाने किस घड़ी खबर फिर मिले ना मिले इस तरह छोड़ कर जाने का कसूर क्यों करते हो मरने का खयाल तन्हाई यूं में जहर मिले ना मिले सलीके की जिंदगी तरीके से पता खुदका रख लो ये जेहन ये सेहन सुहाना शहर फिर मिले ना मिले दूर क्यूं हो नज़र के नजराने मयखाने से अंबुज ना जाने राहे सफर कोई नज़र यूं मिले ना मिले ©अंबिका अनंत अंबुज"

 White खो  गए  हम  भीड़  में   खुद  से  अनजाने  हुए
अब भला क्या बहार  क्या मौसम मिले ना मिले

बेबस  जिम्मेदारियों  से  जिंदगी  दो  चार  हुई है 
रात लम्बी है रह गुजर की यूं सहर मिले ना मिले

खबर रख लो  अपनो  की  खैर  ख्वाह  बन कर 
ना जाने  किस घड़ी  खबर  फिर  मिले  ना मिले

इस तरह छोड़ कर जाने का कसूर क्यों करते हो 
मरने का खयाल तन्हाई यूं में जहर मिले ना मिले

सलीके की जिंदगी तरीके से पता खुदका रख लो 
ये जेहन ये सेहन सुहाना शहर फिर मिले ना मिले 

दूर क्यूं हो  नज़र के  नजराने मयखाने से अंबुज 
ना जाने राहे सफर  कोई नज़र  यूं मिले ना मिले

©अंबिका अनंत अंबुज

White खो गए हम भीड़ में खुद से अनजाने हुए अब भला क्या बहार क्या मौसम मिले ना मिले बेबस जिम्मेदारियों से जिंदगी दो चार हुई है रात लम्बी है रह गुजर की यूं सहर मिले ना मिले खबर रख लो अपनो की खैर ख्वाह बन कर ना जाने किस घड़ी खबर फिर मिले ना मिले इस तरह छोड़ कर जाने का कसूर क्यों करते हो मरने का खयाल तन्हाई यूं में जहर मिले ना मिले सलीके की जिंदगी तरीके से पता खुदका रख लो ये जेहन ये सेहन सुहाना शहर फिर मिले ना मिले दूर क्यूं हो नज़र के नजराने मयखाने से अंबुज ना जाने राहे सफर कोई नज़र यूं मिले ना मिले ©अंबिका अनंत अंबुज

#good_night

People who shared love close

More like this

Trending Topic