एक पति बेचारा अपनी बेगुनाही कैसे शाबित करता है
पत्नी आज दिन भर कहाँ थे
पति यहीं तो था
पत्नी यहां कहाँ ?
बस यहीं तो था
पत्नी यहीं थे कि गुलछर्रे उडा रहे थे
पति हे भाग्यवान
अच्छा तो अब मुझसे बहाने न बनाओ सच सच बताओ
पति तुम ऐसे ही शक करोगी तो मै खा लूँगा
पत्नी हाँ खा लो जहर कम से कम निपट तो जाओगे
पति हट पगली जहर खाएँ मेरे दुश्मन
मैं तो तुम्हारी कसम खाने की बात कर रहा था
☺️☺️☺️☺️
©Prakash Shukla
love
#OneSeason