पल्लव की डायरी जीवन को ही मौत के गले लगा ले अन्याय | हिंदी कविता

"पल्लव की डायरी जीवन को ही मौत के गले लगा ले अन्याय के डर से तोड़ दे आदमी को न्याय के दरबार से लिखी जाये पटकथा सौदे के लिये और फैलाया जाये मकड़जाल तारीखों के रूप में तोड़ दो भरम अब न्याय का मुँह यहाँ काला सच्चाई का होता है झूठे गवाह झूठे केसो से निर्वाह वकीलों और जजों का होता है जमानत और तारीखे बढ़ाने भर का बस यहाँ खेल होता है दम तोड़ती इंसानियत सुसाइड न्याय कर रहा है अंधा कानून बेकसूरों की जान निगल रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव""

 पल्लव की डायरी
जीवन को ही मौत के गले लगा ले
अन्याय के डर से
तोड़ दे आदमी को न्याय के दरबार से
लिखी जाये पटकथा सौदे के लिये
और फैलाया जाये मकड़जाल तारीखों के रूप में
तोड़ दो भरम अब न्याय का
मुँह यहाँ काला सच्चाई का होता है
झूठे गवाह झूठे केसो से
निर्वाह वकीलों और जजों का होता है
जमानत और तारीखे 
बढ़ाने भर का बस यहाँ खेल होता है
दम तोड़ती इंसानियत
सुसाइड न्याय कर रहा है
अंधा कानून बेकसूरों की जान निगल रहा है
                                            प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

पल्लव की डायरी जीवन को ही मौत के गले लगा ले अन्याय के डर से तोड़ दे आदमी को न्याय के दरबार से लिखी जाये पटकथा सौदे के लिये और फैलाया जाये मकड़जाल तारीखों के रूप में तोड़ दो भरम अब न्याय का मुँह यहाँ काला सच्चाई का होता है झूठे गवाह झूठे केसो से निर्वाह वकीलों और जजों का होता है जमानत और तारीखे बढ़ाने भर का बस यहाँ खेल होता है दम तोड़ती इंसानियत सुसाइड न्याय कर रहा है अंधा कानून बेकसूरों की जान निगल रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#justice अंधा कानून बेकसूरों की जान निगल रहा है

People who shared love close

More like this

Trending Topic