White खामोशी
तुम खामोश क्या हुए ,हमने भी बोलना छोड़ दिया।
तुम ने नज़रे क्या चुराई हमने भी नज़रे मिलाना छोड़ दिया ।खामोशी अच्छी लगी तुम्हे ,तुम्हारे लफ़्ज़ों का मान रखना सिख लिया हमने।
फैसला तुम्हारे हाथो में था ,तुमने खामोशी को चुना मेरे हाथो में होता तो मैं तुम्हे चुनती,और देती तुम्हारी खामोशी को अपनी जुबान,अपने एहसास।
©vandna dhurwey
#MEHAR