आजकल बहुत कुछ बदल सा गया हैं, वक्त की कमियाँ, बोझ | हिंदी Poetry

"आजकल बहुत कुछ बदल सा गया हैं, वक्त की कमियाँ, बोझ जिम्मेदारियो का बड़ सा गया है! हा मुझे पता है, नाराज़ सी है तू,,, कही न कही गलतिया मेरी भी, जिसे इग्नोर करती हैं तू,! मेरा हर पल है न, तुझे देखना और सुनना चाहता है, और वो तुझे अपने खुशी का कारण बनाना चाहता है! एक बेचैनी सी है तेरे लिए, ज्यादा sowoff करना तो नही आता, पर जो भी करता हुँ तेरे लिए! रोज तेरी मेरी नौक झोंक होना लाजमी निशानी isq हैं, और कुछ बात ऐसी भी हैं की औरों से ताफिर खुशी दिलाती हैं, और कही न कही थोड़ा जेलस feel कराती हैं,syd ऐसा लगा हक मेरा कोई छीन ले गया हैं! और मुझे पता है भगवान ने तुझे मेरे लिए सही सलामत रखा हैं! ©Roshan Rdm"

 आजकल बहुत कुछ बदल सा गया हैं,
वक्त की कमियाँ, बोझ जिम्मेदारियो का बड़ सा गया है!
हा मुझे पता है, नाराज़ सी है तू,,,
कही न कही गलतिया मेरी भी, जिसे इग्नोर करती हैं तू,!
मेरा हर पल है न, तुझे देखना और सुनना चाहता है,
और वो तुझे अपने खुशी का कारण  बनाना चाहता है!
एक बेचैनी सी है तेरे लिए,
ज्यादा sowoff करना तो नही आता, पर जो भी करता हुँ तेरे लिए!
रोज तेरी मेरी नौक झोंक होना लाजमी निशानी isq हैं,
और कुछ बात ऐसी भी हैं की औरों से ताफिर खुशी दिलाती हैं,
और कही न कही  थोड़ा जेलस feel कराती हैं,syd ऐसा लगा हक मेरा कोई छीन ले गया हैं!
और मुझे पता है भगवान ने तुझे मेरे लिए सही सलामत रखा हैं!

©Roshan Rdm

आजकल बहुत कुछ बदल सा गया हैं, वक्त की कमियाँ, बोझ जिम्मेदारियो का बड़ सा गया है! हा मुझे पता है, नाराज़ सी है तू,,, कही न कही गलतिया मेरी भी, जिसे इग्नोर करती हैं तू,! मेरा हर पल है न, तुझे देखना और सुनना चाहता है, और वो तुझे अपने खुशी का कारण बनाना चाहता है! एक बेचैनी सी है तेरे लिए, ज्यादा sowoff करना तो नही आता, पर जो भी करता हुँ तेरे लिए! रोज तेरी मेरी नौक झोंक होना लाजमी निशानी isq हैं, और कुछ बात ऐसी भी हैं की औरों से ताफिर खुशी दिलाती हैं, और कही न कही थोड़ा जेलस feel कराती हैं,syd ऐसा लगा हक मेरा कोई छीन ले गया हैं! और मुझे पता है भगवान ने तुझे मेरे लिए सही सलामत रखा हैं! ©Roshan Rdm

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