White खुद ही के होश गँवा बैठा था कर के कत्ल कातिल | हिंदी शायरी

"White खुद ही के होश गँवा बैठा था कर के कत्ल कातिल मेरा, फिर एक मर्तबा मुझे मिला है किया हुआ हासिल मेरा। मैं सभी के दुख में रोया हूं फिर कोई कैसे मुझे रुलाता, हाथ उसके रंगे थे खून में आँखों में दर्द था शामिल मेरा। ©एस पी "हुड्डन""

 White खुद ही के होश गँवा बैठा था  कर के कत्ल कातिल मेरा,
फिर एक मर्तबा मुझे मिला है  किया  हुआ  हासिल मेरा।
मैं  सभी के  दुख में रोया हूं  फिर कोई कैसे मुझे रुलाता,
हाथ उसके रंगे थे खून में  आँखों में दर्द था शामिल मेरा।

©एस पी "हुड्डन"

White खुद ही के होश गँवा बैठा था कर के कत्ल कातिल मेरा, फिर एक मर्तबा मुझे मिला है किया हुआ हासिल मेरा। मैं सभी के दुख में रोया हूं फिर कोई कैसे मुझे रुलाता, हाथ उसके रंगे थे खून में आँखों में दर्द था शामिल मेरा। ©एस पी "हुड्डन"

#मेरा_हासिल

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