"Google ठौर ठौर पर चल रही गुफ्तगू कैसी
मेरे पास तो एक महताब रहता है।।
कैसा शिकवा गिला कैसा समेट लूं मैं
मिरा दिल अब बडा अजाब लगता है।।
कहते हैं गीत गजल लिखकर क्या होगा
कुछ का पता नहीं पर एक बात है शिल्पा
मिरा दिल ए रजा बेहद तराब रहता है।।
चले जाना है एक दिन कफन ओढ़कर
इस बात का किसी को न मलाल रहता है।।
©Shilpa Yadav"