पल्लव की डायरी
वैज्ञानिकों की कारगुजारियों के चलते
मौसम रंग बदल रहे है
बायु प्रदूषण में केमिकल्स और वाहनों के
अंधाधुंध प्रयोग शामिल हो रहे है
कैसे पनपे कोई स्वस्थ्य बीज पौधा बनकर
यूरिया और कीटनाशक मिट्टी के कण कण में पनप रहे है
जहरीला हर खाद्यान्न भोजन के रूप में है
केंसर के रूप में विश्वभर के लोगो को लील रहै है
सभ्यताओं के विकास में पागलपन इतना बढ़ गया
जीवन हम सब अपना बीमारियों के रूप में ढ़ोह रहे है
चिंता शुद्व हवा पानी की करते करते
असभ्यताओ के बीज विषरूप में बो रहे है
प्रवीण जैन पल्लव
©Praveen Jain "पल्लव"
#WorldEnvironmentDay असभ्यताओ के बीज विषरूप में बो रहे है