उसके साथ रहते भी तराशे थे कई नगीने हमने के ये कोन | English Shayari

"उसके साथ रहते भी तराशे थे कई नगीने हमने के ये कोन केहता है वो जुदाई का दर्द नही सेहता। और कर तो लेते हम भी किसी और से मोहब्बत वसीम। पर फिर कोई और नगीना मेरी अंगूठी में नही बैठा। ©vasim khan"

 उसके साथ रहते भी तराशे थे कई नगीने हमने
के
ये कोन केहता है वो जुदाई का दर्द नही सेहता।
और 
कर तो लेते हम भी किसी और से मोहब्बत वसीम।
पर 
फिर कोई और नगीना मेरी अंगूठी में नही बैठा।

©vasim khan

उसके साथ रहते भी तराशे थे कई नगीने हमने के ये कोन केहता है वो जुदाई का दर्द नही सेहता। और कर तो लेते हम भी किसी और से मोहब्बत वसीम। पर फिर कोई और नगीना मेरी अंगूठी में नही बैठा। ©vasim khan

#Shayar #Nojoto #Instagram

#EveningBlush

People who shared love close

More like this

Trending Topic