तबाह मैं होना ही नहीं चाहता था, मेरे आबाद रहने का | हिंदी Poetry

"तबाह मैं होना ही नहीं चाहता था, मेरे आबाद रहने का ज़रिया थीं तुम। (सिद्धांत पावस) ©Siddhant Pawas"

 तबाह मैं होना ही नहीं चाहता था,
मेरे आबाद रहने का ज़रिया थीं तुम।
(सिद्धांत पावस)

©Siddhant Pawas

तबाह मैं होना ही नहीं चाहता था, मेरे आबाद रहने का ज़रिया थीं तुम। (सिद्धांत पावस) ©Siddhant Pawas

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