White चांद तू ही बता
ए चांद तू कितनो का दीवाना था,
तू कभी माशूक कभी दिलबर का पैमाना था
तूने देखा हैं युगों युगों की लीला को
तूने सहा हैं दिलवर से मामा बनने की पीड़ा को
तुझे कुलटा तो कभी तुझपर भी दाग बताया है
तुझे दुनिया ने धिक्कारा और गले लगाया है
तू शीश महेश के हैं करता क्रीड़ा गणपति के संग
बदलता नित्य कला चौदह दिन और एक एक क्षण
तूने ना कहा कुछ जिसने जो कहा उसे मान लिया है
तू चमका बनकर महबूब फ़िर खुद को फीका मान लिया है
तूने हर मज़हब को अपनाया है और क़रीब से जाना है
तुझे देख मनी थी ईद कभी आज करवा चौथ मनाना हैं
सिखा दे दुनियां को कि तू ऐसा कैसे कर लेता हैं
जलकर धूप में नित खुद को तू कैसे शीतल रख लेता हैं
अंकुर अंजान
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©Ankur tiwari
#karwachouth