White तुम लेकर प्रेम की डोर,
मेरे चक्षुओं के सामने से,
मेरे हृदय को प्रेम की माला में
पिरोकर चले गए।।
रात की नींद को ,
जिंदगी की सुकून को,
यूं प्रेम के लक्ष्य को दे,
क्षत विक्षत कर दिए।।
तुम कौन थे ,
तुम कौन हो ,
हो कहा ये जिज्ञासा हृदय को भेदती,
पा सकें हम तुम्हे नजरें हर दिशा में ढूंढती,
क्यों छुपे हो रहस्य बन,
सामने आओ प्रिए,
हम प्रेम में आपके
सर्वस्व समर्पण किए,
क्यों छुपे हो रहस्य बन
सामने आओ प्रिए।।
©nirankar pandey
#love_shayari कविता