"महकी महकी सी फजा है,
चांदनी रात की समा है ,
ऐसे आलम में तुम चले आओ तो कोई बात बने ,
सुना है तुमको बातें करना बहुत पसंद है ,
और मुझे तुमको निहारना बहुत पसंद है ,
ऐसी मीठी रातों में एक लंबा सा वक्त ले आओ तो कोई बात बने ,
तुम मुझे दिल में जगह देना ,मैं तुम्हे पलकों पर उठा लूंगा ,
प्यारे से अंदाज में नजरों से नज़रे मिलाओ तो कोई बात बने ,
यूं तो खामोश देखा है मैंने अक्सर अकेले में तुमको ,
पर मेरे सामने ,मेरी हर बात पर हंस जाओ तो कोई बात बने ।"
©Nasir Hussain
Chandni raat