वो लड़की कभी मेरी दोस्त हुआ करती थी
उसके साथ मेरी दो-चार बात हुआ करती थी,
रहती थी अन्जान वो मेरे दिल के एहसासो से
दिल ने हि दस्तक दी उसके दिल के दरवाजो पे!
वक्त गुजरता गया,दोस्ती गहरा होता गया
उसको देख देख के दिल भी खौफज़दा हुआ,
वक्त कुछ ऐसा आया दिल-ही-दिल मे सवाल उठा
उसके बदलते रंगो को देख,मेरा दिल हि बदहाल हुआ!
जो मेरी पसंद का परवाह किया करती थी
आज वो मेरी नापसंद को पसंद बनाये बैठी है,
शायद वो मेरी दोस्ती के शैलाब मे डूबी ही नही
उफ!! ये मेरी दोस्ती एकतरफा ही चलती रही!
©Khushi Tiwari
#Friend @samandar Speaks @Samima Khatun